Category: डायरी

अर्थ / परमार्थ

जब तक संसार तथा व्यक्ति ख़ुद अपने को संसार के लिये अर्थपूर्ण मानेगा, वह परमार्थ में अर्थहीन रहेगा। जब संसार के लिये अर्थहीन हो जायेगा

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निमित्त / नियति

निमित्त तथा नियति को एक समय में एक को ही महत्व देने का मतलब उसकी अधीनता स्वीकार करना। लेकिन दोनों तथा अन्य कारणों (पाँचों संवाय

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नियंत्रण

मिट्टी का घड़ा बाहर की गर्मी को अंदर प्रवेश नहीं करने देता। मनुष्य भी तो मिट्टी से बना/ मिट्टी में ही (घड़े की तरह) मिल

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भगवान महावीर/ Resilience*

भगवान महावीर के जन्म-कल्याण ( जयंती ) पर शुभ कामनाएं । ……………………………………. They tried to bury us, they didn’t know we were seeds. Ekta- Pune

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गुण / गुनाह

आदमी के “गुण” और “गुनाह” दोनों की कीमत होती है। अंतर सिर्फ इतना है कि “गुण” की कीमत मिलती है और “गुनाह” की कीमत चुकानी

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ओस

(एन.सी.जैन) ओस की एक बूंद सा है जिंदगी का सफर कभी ” फूल” में तो, कभी धूल में

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क्रिया / भाव

धान कूटते देख कर तो पता नहीं लगता कि व्यक्ति धान कूट रहा है या छिलके (क्योंकि ऊपर छिलके ही दिखते हैं)। धार्मिक क्रियाओं को

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Forgive

बैरी को Forget करने से काम नहीं चलेगा क्योंकि बैरी को दुबारा देखने पर फिर से बैर-भाव Revive हो जाएगा। सो Forget के साथ Forgive

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प्रतिक्रिया

मार्च’22 में ऑस्कर समारोह अमेरिका में चल रहा था। प्रसिद्ध हास्य कलाकार क्रिसरौक स्टेज सम्भाल रहे थे। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का इनाम विलस्मिथ को घोषित हुआ।

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मंगल आशीष

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May 5, 2024

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